Property Registry New Rule 2025 – भारत में जमीन और प्रॉपर्टी से जुड़े कानूनों में लगातार बदलाव किए जा रहे हैं ताकि धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े पर रोक लगाई जा सके। साल 2025 में लागू होने जा रहे नए Property Registry Rule ने आम नागरिकों को चौकन्ना कर दिया है। इस नियम के अनुसार, रजिस्ट्री के बाद जरा सी लापरवाही आपकी जमीन पर बड़ा खतरा खड़ा कर सकती है।

नया नियम क्यों लाया गया?
पिछले कुछ वर्षों में प्रॉपर्टी से जुड़े फर्जीवाड़े के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। लोग रजिस्ट्री तो करवा लेते हैं लेकिन बाद में सही ढंग से वेरिफिकेशन और दस्तावेजों को सुरक्षित नहीं रखते। नए नियम के तहत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर खरीदार अपने नाम पर तुरंत म्यूटेशन कराए और जमीन के सभी कागजात सही समय पर ऑनलाइन पोर्टल पर अपडेट किए जाएं।
रजिस्ट्री के बाद क्या करना ज़रूरी है?
नियम 2025 के मुताबिक, केवल रजिस्ट्री करवा लेना अब काफी नहीं होगा। रजिस्ट्री के बाद 30 दिनों के अंदर-अंदर खरीदार को जमीन का म्यूटेशन कराना अनिवार्य होगा। यदि यह प्रक्रिया समय पर नहीं की गई, तो आपकी जमीन पर किसी और का दावा मजबूत हो सकता है। साथ ही, ऑनलाइन रिकॉर्ड में समय पर एंट्री नहीं होने पर कानूनी दिक्कतें भी बढ़ सकती हैं।
किन दस्तावेजों का ध्यान रखें?
रजिस्ट्री के बाद खरीदार को आधार कार्ड, पैन कार्ड, बिजली-पानी का बिल और जमीन के कागजात तुरंत संबंधित तहसील या ऑनलाइन पोर्टल पर जमा करने होंगे। इससे आपके नाम पर रिकॉर्ड तुरंत अपडेट हो जाएगा।
लापरवाही से क्या होगा नुकसान?
यदि खरीदार लापरवाही बरतता है, तो भविष्य में किसी भी विवाद की स्थिति में जमीन पर उसका मालिकाना हक कमजोर हो सकता है। धोखाधड़ी करने वाले लोग इस खामी का फायदा उठाकर फर्जीवाड़ा कर सकते हैं।
नए Property Registry New Rule 2025 का मकसद यही है कि हर नागरिक की संपत्ति सुरक्षित रहे और किसी भी तरह की कानूनी अड़चन से बचा जा सके। इसलिए जरूरी है कि रजिस्ट्री के बाद सभी प्रक्रियाओं को समय पर पूरा किया जाए।
क्या रजिस्ट्री की जगह केवल एक्ट खरीदना है?
नहीं, रजिस्ट्री करना जरूरी है।
क्या ज़मीन की मान्यता होगी जब रजिस्ट्री के नाम पर अंयाय घटित हो?
हाँ, ज़मीन की मान्यता पर असर पड़ेगा।
क्या Property Registry New Rule 2025 में खुद की ज़मीन को और किसी को बेचने की अनुमति है?
नहीं, नया नियम खुद की ज़मीन के बेचने को नहीं स्वीकारता।