Land Registry 2025 – से भारत में ज़मीन की खरीददारी से जुड़ा एक अहम बदलाव सामने आया है, जिससे लाखों लोगों को बड़ा झटका लग सकता है। अब अगर कोई व्यक्ति अपनी पत्नी के नाम पर जमीन खरीदता है, तो उसे भारी टैक्स देना होगा। पहले ऐसे मामलों में टैक्स में छूट या रियायत मिलती थी, ताकि महिलाएं संपत्ति की मालिक बन सकें और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त किया जा सके। लेकिन नए नियम के अनुसार, पत्नी के नाम पर जमीन खरीदने वालों को अब गिफ्ट टैक्स और स्टांप ड्यूटी के रूप में अतिरिक्त राशि चुकानी होगी। सरकार का मानना है कि इस बदलाव से संपत्ति के लेनदेन में पारदर्शिता आएगी और टैक्स चोरी पर लगाम लगेगी। हालांकि यह फैसला महिलाओं के सशक्तिकरण के खिलाफ भी माना जा रहा है क्योंकि इससे अब उनके नाम पर संपत्ति खरीदना महंगा साबित होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि इस नियम का असर विशेष रूप से मिडिल क्लास और लोअर इनकम ग्रुप पर पड़ेगा जो टैक्स बचाने के लिए पत्नी के नाम पर जमीन खरीदते थे।

क्या है नया नियम और क्यों हुआ बदलाव?
नए नियम के तहत यदि कोई व्यक्ति अपनी पत्नी के नाम पर जमीन खरीदता है और उसकी कीमत बाजार मूल्य से कम दिखाई जाती है या गिफ्ट के तौर पर दी जाती है, तो इसे टैक्स योग्य माना जाएगा। इसमें गिफ्ट टैक्स और स्टांप ड्यूटी दोनों की गणना बाजार मूल्य के अनुसार की जाएगी, न कि घोषित मूल्य पर। इससे पहले लोग टैक्स से बचने के लिए पत्नी के नाम पर जमीन खरीदते थे, जिससे सरकार को राजस्व में भारी नुकसान होता था। अब इस नियम के आने से सरकार को करोड़ों रुपये की अतिरिक्त कमाई होने की उम्मीद है। यह बदलाव करप्शन को रोकने और फर्जी ट्रांजैक्शन्स पर लगाम लगाने के लिए जरूरी कदम बताया जा रहा है। हालांकि आम जनता को इसके प्रभाव की पूरी जानकारी नहीं है और बहुत से लोग अचानक भारी टैक्स भरने को लेकर असमंजस में हैं।

महिलाओं के नाम पर ज़मीन खरीदने से क्या नुकसान?
अब महिलाओं के नाम पर ज़मीन खरीदने से कई तरह के नुकसान हो सकते हैं, खासकर टैक्स से जुड़ी दिक्कतें। पहले सरकार महिलाओं को संपत्ति खरीदने पर स्टांप ड्यूटी में छूट देती थी, जिससे लोग पत्नी या बेटी के नाम ज़मीन खरीदते थे। इससे महिलाओं की भागीदारी बढ़ती थी और उन्हें सामाजिक पहचान भी मिलती थी। लेकिन 2025 के नियमों के अनुसार अब पत्नी को संपत्ति देने को गिफ्ट माना जाएगा और उस पर गिफ्ट टैक्स लगाया जाएगा। इसके अलावा अगर बाज़ार मूल्य से कम दिखाया गया तो सरकार उस पर पेनल्टी भी लगा सकती है। टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि अब ऐसे मामलों में ज्यादा डॉक्युमेंटेशन और क्लियर डिक्लेरेशन की जरूरत होगी, ताकि टैक्स विभाग को कोई संदेह न हो। इससे प्रक्रिया जटिल और महंगी हो गई है।
किन लोगों को होगा सबसे ज्यादा असर?
इस नए नियम का सबसे ज्यादा असर उन लोगों पर पड़ेगा जो टैक्स बचाने के उद्देश्य से पत्नी के नाम पर ज़मीन खरीदते थे। खासकर छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में यह बहुत आम चलन था, जहां परिवार टैक्स में छूट के लिए संपत्ति पत्नी या बहन के नाम करवाते थे। अब उन्हें बाजार दर पर टैक्स देना पड़ेगा, जिससे ज़मीन की लागत में 10% से 15% तक की बढ़ोतरी हो सकती है। यह नियम उन परिवारों के लिए भी चिंता का विषय है, जो भविष्य में अपनी बेटियों को संपत्ति देना चाहते थे। विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर उचित योजना और दस्तावेज तैयार नहीं किए गए तो इन लोगों को इनकम टैक्स विभाग से नोटिस भी मिल सकता है।
क्या है समाधान और आगे की रणनीति?
इस स्थिति से निपटने के लिए लोगों को टैक्स कंसल्टेंट की सलाह लेना जरूरी है। यदि आप पत्नी के नाम पर जमीन खरीदना चाहते हैं, तो जरूरी है कि सारे दस्तावेज पारदर्शी और सही तरीके से बनाए जाएं। जमीन की कीमत बाजार दर पर ही दिखाई जाए और ट्रांजैक्शन का स्पष्ट ब्योरा रजिस्ट्रेशन के समय दिया जाए। साथ ही गिफ्ट डीड के नियमों को समझें और अगर ज़रूरत हो तो टैक्स अडवाइजर से पहले से ही टैक्स प्लानिंग कर लें। सरकार की तरफ से अभी इस नियम में किसी तरह की छूट की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन आम लोगों की परेशानी को देखते हुए भविष्य में कुछ रियायतें दी जा सकती हैं। जब तक ऐसा होता है, समझदारी से और नियमों के अनुसार ज़मीन खरीदना ही सही रणनीति होगी।