FASTag New Rule – भारत में 1 अक्टूबर से गाड़ी मालिकों के लिए एक बड़ा बदलाव लागू होने जा रहा है। सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब सभी राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय टोल प्लाज़ा पर केवल FASTag के माध्यम से ही एंट्री दी जाएगी। इसका मतलब है कि जिन वाहनों पर FASTag नहीं होगा, उन्हें टोल बूथ से प्रवेश की अनुमति नहीं मिलेगी। इस फैसले का उद्देश्य टोल वसूली की प्रक्रिया को पारदर्शी और तेज बनाना है ताकि नकद लेन-देन से होने वाली भीड़ और भ्रष्टाचार पर रोक लग सके। FASTag, रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक पर आधारित है और यह सीधे आपके बैंक खाते से टोल शुल्क काट लेता है। सरकार का कहना है कि इससे न केवल यात्रियों का समय बचेगा बल्कि ईंधन की भी काफी बचत होगी क्योंकि वाहनों को लंबी कतारों में खड़ा नहीं होना पड़ेगा। हालांकि, कई वाहन मालिक इस अचानक अनिवार्यता से चिंतित हैं, खासकर वे लोग जिन्होंने अभी तक FASTag नहीं खरीदा है।

FASTag क्यों हुआ अनिवार्य?
सरकार ने FASTag को अनिवार्य करने का फैसला इसलिए लिया है क्योंकि यह डिजिटल इंडिया अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। टोल प्लाज़ा पर नकद भुगतान की समस्या लंबे समय से ट्रैफिक जाम और समय की बर्बादी का कारण रही है। FASTag के इस्तेमाल से वाहन बिना रुके आसानी से टोल पार कर सकते हैं, जिससे हाईवे पर यातायात सुचारु हो जाएगा। इसके अलावा, FASTag से होने वाली सीधी कटौती से राजस्व की सही गणना संभव होगी और चोरी या ग़लत वसूली की संभावना खत्म हो जाएगी। सरकार का मानना है कि इससे देश की सड़क परिवहन प्रणाली और अधिक आधुनिक व डिजिटल हो सकेगी।

वाहन मालिकों के लिए जरूरी कदम
यदि आप वाहन मालिक हैं और अभी तक FASTag नहीं लिया है, तो 1 अक्टूबर से पहले इसे अनिवार्य रूप से प्राप्त करना आवश्यक है। FASTag को बैंकों, पेट्रोल पंपों और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म जैसे Paytm, Amazon या अन्य बैंकिंग ऐप्स से आसानी से खरीदा जा सकता है। इसे गाड़ी की विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है और इसे आपके बैंक खाते या वॉलेट से जोड़ा जाता है। वाहन मालिकों को ध्यान रखना चाहिए कि FASTag में हमेशा पर्याप्त बैलेंस हो ताकि टोल पर परेशानी न हो। यदि FASTag स्कैन नहीं होता या उसमें बैलेंस नहीं है, तो गाड़ी को टोल से एंट्री नहीं मिलेगी।
FASTag से मिलने वाले फायदे
FASTag केवल टोल भुगतान को आसान नहीं बनाता, बल्कि इसके कई अन्य फायदे भी हैं। सबसे पहला फायदा है समय और ईंधन की बचत। गाड़ियों को लंबी कतारों में रुकना नहीं पड़ता, जिससे ट्रैफिक जाम कम होता है। दूसरा, इससे नकद लेन-देन की झंझट खत्म हो जाती है और यात्रियों को छुट्टे पैसे की समस्या नहीं झेलनी पड़ती। तीसरा, FASTag उपयोग करने पर कई बार बैंक और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म कैशबैक और डिस्काउंट ऑफ़र भी देते हैं। इसके अलावा, यह व्यवस्था पारदर्शी है और हर वाहन मालिक को अपने टोल खर्च का डिजिटल रिकॉर्ड मिलता है।
बिना FASTag के एंट्री पर रोक
सरकार ने साफ कर दिया है कि 1 अक्टूबर से कोई भी वाहन FASTag के बिना टोल से नहीं गुजर पाएगा। जिन वाहन मालिकों के पास FASTag नहीं होगा, उन्हें वापस लौटा दिया जाएगा या भारी जुर्माना देना पड़ सकता है। यह नियम सभी निजी और व्यावसायिक वाहनों पर समान रूप से लागू होगा। हालांकि शुरुआती दिनों में कुछ लोगों को असुविधा हो सकती है, लेकिन लंबी अवधि में यह बदलाव देश की सड़क परिवहन व्यवस्था को बेहतर बनाएगा। सरकार का कहना है कि लोगों को अभी से FASTag लगवाकर इसकी आदत डालनी चाहिए ताकि आने वाले समय में किसी भी परेशानी से बचा जा सके।