Old Pension Scheme – उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बार फिर पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को बहाल करने का ऐलान कर दिया है, जिससे लाखों सरकारी कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। यह फैसला खासकर उन कर्मचारियों के लिए राहत लेकर आया है जो लंबे समय से नई पेंशन योजना (NPS) के खिलाफ आवाज उठा रहे थे और पुरानी व्यवस्था को बहाल करने की मांग कर रहे थे। सरकार का कहना है कि कुछ विशेष विभागों और श्रेणियों के कर्मचारियों को ही इस लाभ में शामिल किया गया है, जिससे वित्तीय संतुलन भी बना रहे। पुरानी पेंशन योजना के तहत रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को निश्चित पेंशन मिलती है, जबकि नई योजना में शेयर बाजार पर निर्भरता अधिक होती है। इस फैसले को विधानसभा चुनावों से पहले एक बड़ा राजनीतिक दांव भी माना जा रहा है, जिससे सरकार कर्मचारियों और उनके परिवारों का समर्थन हासिल कर सके। अब सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि किन विभागों को इस योजना का सीधा लाभ मिलेगा।

किन विभागों को मिलेगा पुरानी पेंशन योजना का लाभ?
सरकार ने स्पष्ट किया है कि पुरानी पेंशन योजना फिलहाल कुछ विशेष विभागों के लिए ही लागू की जा रही है। इसमें शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, राजस्व विभाग और पुलिस विभाग के तहत आने वाले वे कर्मचारी शामिल हैं जिन्होंने 2005 से पहले सरकारी सेवा जॉइन की थी लेकिन किसी कारणवश पेंशन लाभ से वंचित रह गए थे। इन कर्मचारियों को अब पुनः पुरानी पेंशन योजना के तहत लाभ देने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इसके अलावा, जो कर्मचारी कोर्ट केस या ट्रांसफर पॉलिसी की वजह से पुराने लाभ से कट गए थे, उन्हें भी इस दायरे में लाया जा सकता है। सरकार का मानना है कि इन विभागों के कर्मचारियों ने राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और उन्हें सुरक्षित भविष्य देना सरकार की जिम्मेदारी है।
क्या शर्तें होंगी लागू और किसे नहीं मिलेगा फायदा?
हालांकि सरकार ने कुछ विभागों को योजना में शामिल किया है, लेकिन इसके साथ-साथ कुछ शर्तें भी लागू की गई हैं। सबसे महत्वपूर्ण शर्त यह है कि सिर्फ वे कर्मचारी जो 1 जनवरी 2005 से पहले नियुक्त हुए थे, उन्हीं को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलेगा। इसके अलावा जिन कर्मचारियों ने स्वेच्छा से नई पेंशन योजना का विकल्प चुना था, वे इस फैसले से बाहर रहेंगे। साथ ही, संविदा पर कार्यरत या अंशकालिक कर्मचारी भी योजना के दायरे में नहीं आएंगे। सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि इस योजना से वित्तीय भार संतुलित बना रहे, इसलिए सीमित वर्ग को ही लाभ दिया जा रहा है। इससे राज्य सरकार की आर्थिक स्थिति पर अधिक दबाव नहीं पड़ेगा और कर्मचारियों को भी राहत मिल सकेगी।
पुरानी पेंशन योजना बनाम नई पेंशन योजना: क्या फर्क है?
पुरानी पेंशन योजना एक निश्चित पेंशन प्रणाली थी जिसमें कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद मासिक पेंशन मिलती थी जो अंतिम वेतन के एक हिस्से पर आधारित होती थी। वहीं नई पेंशन योजना (NPS) एक अंशदान आधारित स्कीम है जिसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों योगदान करते हैं और रिटायरमेंट के समय राशि शेयर बाजार से जुड़ी होती है। इससे कर्मचारियों की पेंशन राशि सुनिश्चित नहीं होती। पुरानी योजना कर्मचारियों को भविष्य की सुरक्षा का भरोसा देती थी जबकि नई योजना में जोखिम अधिक है।
आगे की प्रक्रिया और कर्मचारी क्या करें?
सरकार द्वारा योजना बहाल करने की घोषणा के बाद अब संबंधित विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे पात्र कर्मचारियों की सूची तैयार करें और उनका विवरण पेंशन निदेशालय को भेजें। कर्मचारी जिनका नाम इस सूची में आता है, उन्हें एक फॉर्म भरकर योजना में शामिल होने की सहमति देनी होगी।