ATM Card Big Update – हाल ही में बैंकों द्वारा जारी किए गए नए दिशानिर्देशों के अनुसार अब ATM कार्ड से हर ट्रांजेक्शन पर अतिरिक्त चार्ज लग सकता है। यह बदलाव खासतौर पर उन ग्राहकों के लिए है जो महीने में निर्धारित लिमिट से ज्यादा ट्रांजेक्शन करते हैं। बैंक का कहना है कि यह कदम सर्विस को बनाए रखने और बढ़ती ऑपरेशनल कॉस्ट को संभालने के लिए जरूरी है। अब चाहे आप कैश निकालें, मिनी स्टेटमेंट देखें या बैलेंस इन्क्वायरी करें — हर बार अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है। फिलहाल ये चार्ज अलग-अलग बैंकों में भिन्न हो सकते हैं, लेकिन इसका सीधा असर ग्राहकों की जेब पर पड़ेगा। ऐसे में यह जरूरी हो गया है कि ग्राहक अपने ट्रांजेक्शन की संख्या सीमित रखें और डिजिटल पेमेंट मोड जैसे UPI या नेट बैंकिंग का ज्यादा उपयोग करें ताकि इन अतिरिक्त खर्चों से बचा जा सके।

ATM ट्रांजेक्शन पर नए नियम क्या हैं?
बैंकों द्वारा तय की गई नई नीति के तहत अब महीने में मुफ्त ATM ट्रांजेक्शन की संख्या घटा दी गई है। पहले जहां 5 बार तक बिना किसी चार्ज के निकासी की जा सकती थी, वहीं अब कई बैंकों ने इसे घटाकर 3 बार तक कर दिया है। इसके बाद किए जाने वाले हर ट्रांजेक्शन पर ₹21 तक का चार्ज लिया जा सकता है। यह नियम केवल कैश विदड्रॉल पर नहीं बल्कि बैलेंस चेक और मिनी स्टेटमेंट जैसी सेवाओं पर भी लागू हो सकता है। ग्राहकों को इस बारे में SMS और ईमेल के माध्यम से सूचित किया जा रहा है ताकि वे अपनी ट्रांजेक्शन आदतों में बदलाव ला सकें और अनावश्यक शुल्क से बच सकें।
डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने की दिशा में कदम
ATM चार्ज बढ़ाने के पीछे एक प्रमुख कारण डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देना भी है। सरकार और बैंक दोनों मिलकर चाहते हैं कि लोग नकद लेन-देन की बजाय डिजिटल मोड अपनाएं। इससे न केवल ट्रांजेक्शन पारदर्शी होंगे बल्कि समय और पैसे की भी बचत होगी। UPI, नेट बैंकिंग और मोबाइल वॉलेट जैसे प्लेटफॉर्म अब ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। बैंकों का मानना है कि डिजिटल पेमेंट बढ़ने से नकदी प्रबंधन पर आने वाला खर्च भी कम होगा, जिससे अर्थव्यवस्था में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
ग्राहकों पर बढ़े हुए चार्ज का असर
नई नीति लागू होने के बाद आम लोगों की जेब पर सीधा असर पड़ेगा। जिन ग्राहकों को अक्सर कैश ट्रांजेक्शन की जरूरत पड़ती है, उन्हें अब अधिक चार्ज देना होगा। यह स्थिति खासकर छोटे व्यापारियों, दुकानदारों और ग्रामीण इलाकों में रहने वालों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है जहां डिजिटल पेमेंट की सुविधा सीमित है। ऐसे में यह जरूरी है कि ग्राहक अपने बैंक की नई चार्ज लिस्ट को ध्यान से पढ़ें और जहां तक संभव हो ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की ओर शिफ्ट हों। इससे न केवल चार्ज बचाया जा सकेगा बल्कि समय की भी बचत होगी।

ATM उपयोग पर विशेषज्ञों की सलाह
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का कहना है कि ग्राहकों को अपने बैंक अकाउंट के प्रकार और चार्ज स्ट्रक्चर को अच्छे से समझ लेना चाहिए। अलग-अलग बैंकों की नीतियां भिन्न हैं, इसलिए एक बैंक में जो फ्री ट्रांजेक्शन लिमिट है, वह दूसरे में अलग हो सकती है। एक्सपर्ट्स सुझाव देते हैं कि जरूरत पड़ने पर एक से ज्यादा अकाउंट का उपयोग करें ताकि ट्रांजेक्शन लिमिट को बांटा जा सके। इसके अलावा, डिजिटल पेमेंट विकल्पों का अधिक इस्तेमाल करने से न केवल अतिरिक्त चार्ज से बचाव होगा बल्कि वित्तीय अनुशासन भी बढ़ेगा। इस तरह ग्राहक स्मार्ट तरीके से अपने पैसों का प्रबंधन कर सकते हैं।