Golden Opportunity for Parents – स्कूलों में छुट्टियों की घोषणा ने बच्चों के साथ-साथ उनके माता-पिता के चेहरे पर भी मुस्कान ला दी है। इस बार छात्रों को पूरे 12 दिन की लंबी छुट्टियां मिली हैं, जो किसी त्योहार की तरह खुशियां लेकर आई हैं। इस लंबे अवकाश का उपयोग बच्चे अपनी थकान मिटाने, खेलकूद और रचनात्मक गतिविधियों में कर सकते हैं। वहीं माता-पिता के लिए यह सुनहरा मौका है कि वे फैमिली ट्रिप, कज़िन्स मीटअप या घरेलू आयोजन जैसे प्लान बना सकें। अक्सर व्यस्त दिनचर्या के चलते माता-पिता और बच्चों के बीच की दूरी बढ़ जाती है, लेकिन ये छुट्टियां एक साथ क्वालिटी टाइम बिताने का बेहतरीन मौका बन सकती हैं। चाहे बच्चों को उनके पसंदीदा डेस्टिनेशन पर ले जाना हो या घर पर मिलकर कोई रचनात्मक काम करना हो, ये 12 दिन रिश्तों को और मज़बूत करने के लिए अनमोल हैं। स्कूलों ने भी ऑनलाइन होमवर्क नहीं देने का निर्णय लेकर बच्चों को पूरी तरह से मुक्त और खुश रखने की पहल की है।

माता-पिता के लिए प्लानिंग का सही समय
बच्चों की छुट्टियों के साथ ही माता-पिता को भी अपने वर्क शेड्यूल और पारिवारिक जिम्मेदारियों में थोड़ा ब्रेक मिल सकता है। यह समय खासतौर पर उन परिवारों के लिए फायदेमंद है जो पूरे साल छुट्टियों की प्लानिंग टालते रहते हैं। अब जब 12 दिन की छुट्टियां घोषित हो चुकी हैं, तो माता-पिता अपने बजट और समय के अनुसार किसी पास के पर्यटन स्थल की यात्रा, नाते-रिश्तेदारों से मिलने या बच्चों के साथ आउटडोर एक्टिविटीज़ की योजना बना सकते हैं। अगर बाहर जाना संभव न हो, तो घर पर गेम नाइट, मूवी मैराथन या साथ में खाना बनाना जैसे छोटे लेकिन यादगार लम्हे भी बनाए जा सकते हैं। यह वक्त माता-पिता को यह समझने का मौका भी देता है कि बच्चे किस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं और उनके साथ बातचीत कर रिश्तों को और बेहतर बनाया जा सकता है।
बच्चों के लिए सीखने और खेलने का मौका
12 दिन की लंबी छुट्टी बच्चों के लिए सिर्फ आराम या मस्ती का समय नहीं है, बल्कि ये उनके लिए नई चीजें सीखने का भी अवसर हो सकता है। इस दौरान बच्चे अपनी रुचियों के अनुसार कुछ क्रिएटिव कर सकते हैं जैसे कि ड्रॉइंग, पेंटिंग, किताबें पढ़ना, गार्डनिंग या ऑनलाइन कोर्स करना। साथ ही, खेल-कूद और बाहर की गतिविधियां उनके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बेहद ज़रूरी हैं। माता-पिता चाहें तो बच्चों को किसी स्पोर्ट्स कैंप, संगीत या डांस क्लास में भी भेज सकते हैं जिससे वे नई स्किल्स सीख सकें। डिजिटल डिवाइसेज से दूर रहकर बच्चों को प्रकृति और समाज से जोड़ना भी इस समय का उद्देश्य हो सकता है। ये 12 दिन न सिर्फ छुट्टी बल्कि विकास और खुशियों की एक खिड़की बन सकते हैं।
घर पर मनाएं छुट्टियों का त्योहार
अगर ट्रैवल करना संभव न हो तो भी छुट्टियों को खास बनाया जा सकता है। माता-पिता बच्चों के साथ मिलकर घर पर छुट्टियों का त्योहार मना सकते हैं। हर दिन को थीम बेस्ड बना कर जैसे ‘कुकिंग डे’, ‘क्लीनिंग डे’, ‘फैमिली गेम डे’, ‘फोटो डे’ जैसी एक्टिविटीज़ की जा सकती हैं। इससे बच्चों में ज़िम्मेदारी की भावना भी आएगी और घर का माहौल भी खुशनुमा बना रहेगा। साथ ही, यह मौका है बच्चों के साथ कुछ ऐसी बातचीत करने का जो आमतौर पर समय के अभाव में टल जाती है। घर की दीवारों के भीतर रहकर भी छुट्टियां बेहद मजेदार और यादगार बनाई जा सकती हैं।
छोटे शहरों और गांवों में छुट्टियों की खास रौनक
छोटे शहरों और गांवों में जब स्कूलों में छुट्टी होती है, तो वहां की गलियों और मोहल्लों में रौनक लौट आती है। बच्चे सुबह से ही खेल के मैदानों में नजर आने लगते हैं, और मोहल्लों में सामूहिक गतिविधियों का आयोजन होने लगता है। परिवार के बड़े-बुज़ुर्ग बच्चों को अपनी कहानियां सुनाते हैं और पुरानी यादों को ताज़ा करते हैं। माता-पिता के लिए यह वक्त रिश्तेदारों से मिलने और बच्चों को अपने पारिवारिक मूल्यों से जोड़ने का एक बेहतरीन मौका होता है। गांवों में छुट्टियों का मतलब सिर्फ आराम नहीं बल्कि सामाजिक मेलजोल और लोकसंस्कृति से जुड़ाव का भी प्रतीक होता है।
बच्चों के लिए छुट्टियों में सबसे अच्छा कार्य क्या है?
परिवार के साथ अच्छे समय बिताना।
छुट्टियों में बच्चों का सबसे पसंदीदा समयपास क्या है?
घर पर खेलना और घूमना।